चंहु ओर शोर मचा है होली आई ,
संग अपनें खुशियों की सोगात लाई|
पिचकारी और रंग भरे गुब्बारे लिये ,
आक्रमण को तैयार है लाल मुखी वानर सेनां |
आँखों में शरारत अधरों पर मुस्कान लिये ,
कोई भाग रहा है तो कोई छुप रहा है |
ढोल की मधुर थपकार पर ,
मदमस्त नाच रही अलबेलों की टोली |
आज धरा से अम्बर तक रंग ,
इंद्रधनुष बन मन मोह रहे हैं |
गोरी की चंचल चितवन,
दे रही है मूक स्नेह आमंत्रण|
अपनें ही रंग में रंग दो प्रियवर ,
मेंरा तन-मन और जीवन |
आओ रूठों को मनां लें ,
मनसे उतारें काला रंग |
प्रेम के रंग से मनाएं ,
सबके संग मनभावन होली |
संग अपनें खुशियों की सोगात लाई|
पिचकारी और रंग भरे गुब्बारे लिये ,
आक्रमण को तैयार है लाल मुखी वानर सेनां |
आँखों में शरारत अधरों पर मुस्कान लिये ,
कोई भाग रहा है तो कोई छुप रहा है |
ढोल की मधुर थपकार पर ,
मदमस्त नाच रही अलबेलों की टोली |
आज धरा से अम्बर तक रंग ,
इंद्रधनुष बन मन मोह रहे हैं |
गोरी की चंचल चितवन,
दे रही है मूक स्नेह आमंत्रण|
अपनें ही रंग में रंग दो प्रियवर ,
मेंरा तन-मन और जीवन |
आओ रूठों को मनां लें ,
मनसे उतारें काला रंग |
प्रेम के रंग से मनाएं ,
सबके संग मनभावन होली |