हर व्यक्ति के हें दो-दो चेहरे ,अंतस में कुछ तो बाहर ओर कुछ है |
राग -द्वेष से आप्लावित है दिलोदिमाग ,परन्तु वाणी से स्नेह छलकता है|
दिन-रात पापकर्म मैं लिप्त है ; लेकिन सबसे बड़ा धर्मात्मा कहलाता है|
असत्य मार्ग से परिपूर्ण है जीवन ,पर ओरों को सत्य की राह दिखलाता है
सच बात कहती हूँ इंसान भी ,गिरगिट की तरह रंग बदलता है |
जिसने भी मुखोटा नहीं चढाया दुनिया मैं , आज वो ही पागल कहलाया है|
हर व्यक्ति का दोहरा व्यक्तित्व होता है बहुत सही लिखा है |बहुत बहुत बधाई| अच्छी रचना |
ReplyDeleteआशा
दोहरे चरित्र वाले लोगों के मुखौटे उतारती बहुत अच्छी एक सार्थक अभिव्यक्ति ! बधाई एवं शुभकामनायें !
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