Sunday 20 March 2011

मनभावन होली

चंहु ओर शोर मचा है होली आई ,
संग अपनें खुशियों की सोगात लाई|
पिचकारी और रंग भरे  गुब्बारे लिये ,
आक्रमण  को तैयार है लाल मुखी  वानर सेनां |
आँखों में शरारत  अधरों पर मुस्कान लिये ,
कोई भाग रहा है तो कोई छुप रहा है |
ढोल की मधुर थपकार पर ,
मदमस्त  नाच रही अलबेलों की टोली |
आज धरा  से अम्बर तक रंग ,
इंद्रधनुष बन  मन मोह रहे हैं |
गोरी की चंचल  चितवन, 
 दे रही है मूक स्नेह आमंत्रण|
 अपनें ही रंग में रंग दो प्रियवर ,
मेंरा तन-मन और जीवन |
आओ रूठों  को मनां लें ,
मनसे उतारें काला रंग |
प्रेम के रंग से मनाएं ,
सबके संग मनभावन होली |

2 comments:

  1. होली के माहौल का बहुत सजीव चित्रण किया है बहुत अच्छा प्रयास बधाई |
    इसी प्रकार निर्वाध गति से लिखती रहिये | होली के शुभ अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |
    आशा

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  2. आपसी सद्भावना और प्रेम के बंधनों के सुदृढ़ करने वाले इस अनुपम त्यौहार को सुन्दर शब्दों में व्याख्यायित किया है ! सुन्दर रचना के लिये बधाई एवं होली की हार्दिक शुभकामनायें !

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